भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने करियर से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे 2009 के न्यूजीलैंड दौरे के दौरान उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था और इसके पीछे आंशिक रूप से उस समय के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का भी हाथ था।
इरफान पठान ने क्यों कही ‘धोनी की वजह से बाहर हुआ’ वाली बात?
इरफान पठान ने एक यूट्यूब इंटरव्यू में कहा कि,
“मैं उस समय अच्छी गेंदबाज़ी कर रहा था और बल्ले से भी योगदान दे रहा था लेकिन अचानक मुझे टीम से बाहर कर दिया गया। मुझे बाद में पता चला कि धोनी मुझसे खुश नहीं थे।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि न्यूजीलैंड दौरे पर उन्हें सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला और उसके बाद उन्हें लगातार नजरअंदाज किया गया, जबकि प्रदर्शन खराब नहीं था।
2009 का न्यूजीलैंड दौरा: क्या हुआ था?
2009 में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर गई थी, जहां इरफान पठान को सीमित मौके मिले। उस समय टीम में ज़हीर खान, ईशांत शर्मा और मुनाफ पटेल जैसे गेंदबाज़ पहले से मौजूद थे। इरफान ने कहा कि टीम में प्रतिस्पर्धा थी लेकिन उन्हें सही मौका नहीं दिया गया।
धोनी के कप्तानी दौर में बदल गया था टीम का संतुलन
महेंद्र सिंह धोनी के कप्तान बनने के बाद टीम इंडिया का संतुलन बदल गया था। तेज गेंदबाज़ों के चयन में फिटनेस, गति और निरंतरता को प्राथमिकता दी जाने लगी। इरफान पठान की स्विंग गेंदबाज़ी उस समय धीमी मानी जाने लगी, जिस वजह से उन्हें टीम में बने रहना मुश्किल हो गया।
इरफान पठान की प्रतिक्रिया
इरफान ने कहा,
“मैं किसी को दोष नहीं दे रहा लेकिन जब आप टीम से बाहर किए जाते हैं बिना कारण बताए तो चोट तो लगती है। मैं कड़ी मेहनत कर रहा था फिर भी मुझे बाहर कर दिया गया।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बयान
इरफान का यह बयान सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया है। फैंस दो हिस्सों में बंट गए हैं, कुछ धोनी का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इरफान के साथ सहानुभूति जता रहे हैं।
अंत मे
इरफान पठान ने अपने करियर में कई यादगार प्रदर्शन दिए हैं लेकिन 2009 के न्यूजीलैंड दौरे की कहानी उनके दिल में एक दर्द के रूप में बसी हुई है। चाहे कारण जो भी हो, ये साफ है कि भारतीय क्रिकेट में चयन को लेकर हमेशा पारदर्शिता की मांग होती रही है। इरफान का यह बयान इसी मांग को फिर से उजागर करता है।