सूरत के वीरेन चोकसी ने बनाई दुनिया की सबसे छोटी 22 कैरेट सोने की गणेश-लक्ष्मी मूर्ति

भारत में जब भी सोने की बात होती है, तो सूरत शहर का नाम सबसे पहले लिया जाता है। हीरा और ज्वेलरी की राजधानी कहलाने वाला यह शहर एक बार फिर दुनिया भर में चर्चा का विषय बना है। कारण है यहाँ के जाने-माने खुशालभाई ज्वेलर्स के मालिक वीरेन चोकसी की अनोखी उपलब्धि। उन्होंने ऐसी कृति तैयार की है जो सुनने में जितनी अद्भुत लगती है, देखने में उतनी ही चौंका देने वाली है। यह कृति है – 22 कैरेट सोने से बनी दुनिया की सबसे छोटी गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति

1 इंच की अनोखी मूर्ति – भारतीय कला का अद्भुत नमूना

आमतौर पर जब हम मूर्तियों की कल्पना करते हैं तो उनका आकार कुछ बड़ा होता है ताकि बारीकियों को उकेरा जा सके। लेकिन इस मूर्ति की ऊँचाई सिर्फ 1 इंच है और वजन मात्र 10 ग्राम है। इतनी छोटी सी सोने की मूर्ति में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के स्वरूप को उकेरना किसी चमत्कार से कम नहीं है। इसमें दोनों देवताओं के चेहरे के भाव, आभूषण और पारंपरिक स्वरूप को बारीकी से दिखाया गया है।

निर्माण की चुनौती और महीनों की मेहनत

वीरेन चोकसी ने इस कृति को बनाने में अपनी पूरी टीम की विशेषज्ञता और महीनों की मेहनत लगाई। सोने जैसी धातु पर इतनी बारीकी से काम करना बेहद कठिन है। एक छोटी सी गलती भी पूरी मूर्ति को खराब कर सकती थी। यही वजह है कि हर एक चरण पर विशेष ध्यान दिया गया। डिजाइन तैयार करने से लेकर उसे वास्तविक सोने में ढालने तक की प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक और पारंपरिक कारीगरी का संगम हुआ।

भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक

भारतीय परंपरा में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और लक्ष्मी माता को धन-समृद्धि की देवी माना जाता है। इन दोनों देवताओं की एक साथ पूजा विशेषकर दीपावली पर की जाती है। इस मूर्ति का निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई और आस्था की शक्ति को भी दर्शाता है। वीरेन चोकसी का मानना है कि इस छोटी सी मूर्ति में कला और श्रद्धा का संगम है, जो हमारी परंपरा को दुनिया के सामने नए अंदाज़ में प्रस्तुत करता है।

सूरत – ज्वेलरी उद्योग का केंद्र

सूरत पहले ही हीरा उद्योग और ज्वेलरी निर्माण के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहाँ हर साल लाखों कैरेट हीरे तराशे जाते हैं और देश-विदेश के ग्राहक खासतौर पर सूरत की ज्वेलरी को पसंद करते हैं। इस अनोखी मूर्ति के निर्माण ने सूरत की पहचान को और मजबूत कर दिया है। अब लोग न केवल हीरे और आभूषणों के लिए बल्कि सोने की अनूठी कलाकृतियों के लिए भी सूरत को याद रखेंगे।

विश्व रिकॉर्ड की ओर कदम

दुनिया की सबसे छोटी 22 कैरेट सोने की मूर्ति होने के कारण यह कृति रिकॉर्ड बुक्स में जगह बना सकती है। 1 इंच ऊँचाई और 10 ग्राम वजन की इस मूर्ति का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो यह न केवल वीरेन चोकसी के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय होगा।

धार्मिक महत्व और श्रद्धालुओं का आकर्षण

भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति हर घर में विशेष स्थान रखती है। लोग मानते हैं कि घर में इनकी उपस्थिति से सुख-समृद्धि आती है और हर कार्य में सफलता मिलती है। इस छोटी सोने की मूर्ति को देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो जाते हैं। भले ही इसका आकार छोटा है लेकिन इसमें छिपा आध्यात्मिक महत्व बहुत बड़ा है।

आभूषण और कला का संगम

आमतौर पर सोने का इस्तेमाल आभूषण बनाने में किया जाता है। लेकिन इस मूर्ति में सोने को केवल आभूषण की तरह नहीं, बल्कि कला के एक माध्यम की तरह इस्तेमाल किया गया है। इसने यह साबित कर दिया कि सोना केवल गहनों की शोभा बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि इसे धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के रूप में भी संजोया जा सकता है।

भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा

ऐसी अनोखी कृतियाँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम करती हैं। यह मूर्ति दिखाती है कि अगर जुनून और मेहनत हो तो किसी भी धातु या कला को नया रूप दिया जा सकता है। भारतीय युवा कारीगरों के लिए यह एक संदेश है कि वे भी अपनी कला को दुनिया के सामने अलग अंदाज़ में पेश कर सकते हैं।

वैश्विक पहचान और भारतीय शिल्पकला

भारत हमेशा से अपनी कला, संस्कृति और शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध रहा है। चाहे वो ताजमहल हो, अजंता-एलोरा की गुफाएँ हों या मंदिरों की मूर्तियाँ – भारतीय कारीगरी की मिसालें पूरी दुनिया में दी जाती हैं। इस छोटी सोने की मूर्ति ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारतीय कलाकार बारीकी और सृजनात्मकता में बेजोड़ हैं।

आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व

सोने की इस मूर्ति का आर्थिक मूल्य भले ही इसके वजन के हिसाब से आंका जा सकता है, लेकिन इसका वास्तविक महत्व कहीं अधिक है। यह मूर्ति सूरत की अर्थव्यवस्था और ज्वेलरी उद्योग के लिए नई संभावनाएँ खोलती है। साथ ही, यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करती है।

निष्कर्ष

सूरत के खुशालभाई ज्वेलर्स के मालिक वीरेन चोकसी ने दुनिया की सबसे छोटी 22 कैरेट सोने की गणेश-लक्ष्मी मूर्ति बनाकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह केवल 1 इंच ऊँची और 10 ग्राम की है, लेकिन इसमें छिपा संदेश बहुत बड़ा है। यह मूर्ति भारतीय आस्था, कला, और शिल्पकला की गहरी छाप छोड़ती है। आने वाले समय में यह न केवल विश्व रिकॉर्ड का हिस्सा बन सकती है, बल्कि भारतीय संस्कृति की शान को भी नई ऊँचाई पर ले जाएगी।

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